रांची ;झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। इलाके का माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग गया है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के दिग्गज मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि झामुमो कोटे से सरकार में शामिल मंत्री दीपक बिरुवा और हफीजुल हसन घाटशिला में चुनाव प्रचार की कमान पहले से संभाले हुए हैं। अब मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो भी 22 अक्टूबर से क्षेत्र में डेरा डालेंगे और गांव-गांव जाकर पार्टी के पक्ष में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। पार्टी की मंशा है कि मंत्री स्तर के नेताओं की मौजूदगी से ग्रामीण इलाकों में संगठन की पकड़ और मजबूत हो और मतदाताओं तक विकास कार्यों की उपलब्धियां सीधे पहुंचें। पार्टी की रणनीति इस बार कुर्मी मतदाताओं को साधने पर केंद्रित है। क्षेत्र में लगभग 15 से 17 हजार कुर्मी वोटरों की उपस्थिति मानी जाती है, जो किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। झामुमो के मंत्री लगातार इन समुदायों के बीच बैठकें कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों पर संवाद स्थापित कर रहे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि झामुमो सरकार ने जनकल्याण के क्षेत्र में जो काम किए हैं, उनका असर घाटशिला के मतदाताओं पर भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है। उनके मुताबिक, इस बार मुकाबला भले ही कड़ा दिख रहा हो, लेकिन पार्टी अतीत की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में है। यह उपचुनाव झामुमो विधायक और राज्य के शिक्षा मंत्री रहे रामदास सोरेन के निधन के कारण हो रहा है। इस क्षेत्र में मतदान 11 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।