बोत्सवाना से भारत पहुंचे 8 चीते, प्रकृति संरक्षण में नई उम्मीद

नयी दिल्ली । बोत्सवाना ने प्रोजेक्ट चीता के अगले चरण के लिए गुरुवार को भारत को आठ चीते भेंट किए । बोत्सवाना की यात्रा पर गई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज सुबह बोत्सवाना के राष्ट्रपति एडवोकेट ड्यूमा गिदोन बोको के साथ बोत्सवाना में मोकोलोडी नेचर रिजर्व का दौरा किया। भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों द्वारा घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को दोनों नेताओं की मौजूदगी में संगरोध क्षेत्र में छोड़ा गया। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को आठ चीतों के प्रतीकात्मक दान का प्रतीक है। यह आयोजन वन्यजीव संरक्षण में भारत-बोत्सवाना सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। बाद में अलग-अलग बैठकों में बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति नदाबा नकोसिनथी गौलाथे और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री डॉ. फेन्यो बुटाले ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।स्वदेश रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने गेबोरोन स्थित भारत के उच्चायुक्त द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर जल शक्ति एवं रेल राज्य मंत्री वी. सोमन्ना और सांसद प्रभुभाई नागरभाई वसावा एवं डी. के. अरुणा भी उपस्थित थे।राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि भारत को उन लोगों के योगदान पर गर्व है। वे भारत के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत हैं जो कड़ी मेहनत, ईमानदारी और सद्भाव के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये मूल्य भारत और बोत्सवाना दोनों की पहचान हैं। उन्होंने उनसे भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखते हुए बोत्सवाना की प्रगति में योगदान जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें ओसीआई योजना और प्रवासी भारतीय दिवस जैसी पहलों का लाभ उठाने और भारत के विकास में अपने अनुभव साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत और बोत्सवाना के बीच संबंध विश्वास, सम्मान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने बताया कि बोत्सवाना के राष्ट्रपति बोको के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने यह निर्णय लिया कि भारत और बोत्सवाना व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में आगे सहयोग करेंगे।

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