धनबाद : कोयला तस्करी मामले में ईडी ने बंगाल और झारखंड में 40 ठिकानों पर मारे छापे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में सरकारी खदानों से कोयला तस्करी मामले में कम से कम 40 जगहों पर बड़े पैमाने पर तबातोड़ एक साथ छापेमारी की झारखंड के धनबाद में 12 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गयी है. यहां बीसीसीएल से जुड़े बड़े ठेकेदार एलबी सिंह के कार्यालय और कारोबारी प्रतिष्ठान प्रमुख हैं. धनबाद के बड़े कारोबारी एलबी सिंह ने सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम के अपने घर पहुंचते ही पालतू कुत्ते खोल दिए। इस वजह से टीम को घर में घुसने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सिंह के कुत्तों के बांधने के बाद ही टीम आवास में प्रवेश कर पाई। ईडी की टीम ने सिंह और अन्य कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी है।एलबी सिंह भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के चर्चित ठेकेदार हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बीसीसीएल के टेंडरों में हुई गड़बड़ी और अनियमितता सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है। ईडी के रडार पर आए इन कोयला कारोबारियों अनिल गोयल और संजय खेमका भी शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईडी अधिकारियों ने कोलकाता के साल्ट लेक में व्यापारी एवं बाहुबली नरेंद्र खरका के घर और दफ्तर की तलाशी ली। केंद्रीय सशस्त्र बलों की मदद से कोलकाता, नॉर्थ 24 परगना, पुरुलिया, आसनसोल, हावड़ा, दुर्गापुर समेत करीब 24 जगहों पर सुबह से ही तलाश अभियान शुरू किया गया। यह कार्रवाई राज्य भर में सरकारी खदानों, परिवहन और गोदामों से कोयला तस्करी को लेकर की गयी है। ईडी की यह पूरी कार्रवाई कोयला तस्करी और बीसीसीएल से जुड़े टेंडर घोटाले की जांच के तहत की जा रही है. एजेंसी को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि कोयला परिवहन और आपूर्ति से जुड़े कुछ कारोबारी और ठेकेदार अवैध आय को वैध दिखाने के लिए फर्जी कंपनियों (शेल कंपनियों) और संदिग्ध बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ईडी अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों का प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध कोयला आपूर्ति और संबंधित ठेकों से है. एजेंसी को शक है कि इन्हीं नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों रुपए की अवैध रकम विभिन्न बैंक खातों में भेजी गयी थी. कोलकाता और हावड़ा में जब्त किये गये दस्तावेजों में लेन-देन से जुड़े कई अहम कागजात मिले हैं, जिन्हें एजेंसी ने अपने कब्जे में ले लिया है. अब एजेंसी यह जानने की कोशिश कर रही है कि कथित अवैध कमाई आखिर कहां भेजी गयी और इस लेन-देन में कौन-कौन शामिल थे. धनबाद में मिले डिजिटल रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच करायी जायेगी. व्यापक छापेमारी में जांच एजेंसी को वित्तीय रिकॉर्ड और लेन-देन के ठोस प्रमाण मिलने की संभावना है. अभियान में लैपटॉप, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और कई फाइलें जब्त की गयीं हैं. कुछ स्थानों से नकदी मिलने की भी खबर है. हालांकि, एजेंसी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.