पटना : बिहार की राजनीति में एक युग का अंत होने जा रहा है। पिछले 20 सालों से सत्ता और सियासत का केंद्र रहा 10 सर्कुलर रोड का वह मशहूर बंगला अब लालू परिवार के हाथों से फिसल गया है। नई NDA सरकार ने एक बड़ा झटका देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को अपना मौजूदा सरकारी आवास खाली करने का फरमान सुना दिया है। यह खबर आते ही सियासी गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है कि आखिर अब लालू यादव का नया ठिकाना कहां होगा।भवन निर्माण विभाग ने मंगलवार को मंत्रियों और विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के लिए आवास आवंटन की नई सूची जारी की। इसके तहत राबड़ी देवी को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से अब 39 हार्डिंग रोड का नया बंगला दिया गया है। विभाग के संयुक्त सचिव सह भू-सम्पदा पदाधिकारी शिव रंजन ने इस संबंध में औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है। 16 जनवरी 2006 को इस आवास में गृह प्रवेश करने वाला लालू परिवार अब बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी करेगा, जो उनके लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। यह बदलाव केवल एक घर बदलना नहीं, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक हवा का संकेत है। साल 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद से ही लालू परिवार यहां रह रहा था। चाहे सत्ता रही हो या विपक्ष, 10 सर्कुलर रोड हमेशा लालू की राजनीति का पावर सेंटर बना रहा। लेकिन नई एनडीए सरकार में भाजपा का दबदबा साफ नजर आ रहा है। हालांकि, भवन निर्माण विभाग का जिम्मा जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी के पास है, फिर भी इस फैसले को सरकार के कड़े रुख के तौर पर देखा जा रहा है और इसे उसी का संकेत माना जा रहा है। jdu प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज जारी रखते हुए आगे कहा कि राबड़ी देवी इस बार बाथरूम से टोटी भी नहीं खोलेंगी, क्योंकि उनकी पार्टी इस पूरे बदलाव पर पैनी नजर रखेगी। ये बयान पिछली सरकारों के दौरान सरकारी आवासों को खाली करने के बाद संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की पुरानी घटनाओं की ओर उनका यह इशारा था, जिस पर सत्ताधारी पार्टी ने तंज कसा है।