रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा कानून से संबंधित नियमावली अब तक लागू नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है। इस संबंध में दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि नियमावली को समय पर कैबिनेट में प्रस्तुत कर स्वीकृति नहीं दिलाई गई तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में हुई। इस दौरान पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार सशरीर अदालत में उपस्थित हुए। सचिव की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पेसा नियमावली की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जा चुका है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिषेक रॉय, ज्ञानंत कुमार सिंह और अजीत कुमार ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि नियमावली लागू न होने के कारण संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। गौरतलब है कि पेसा नियमावली लागू होने तक हाईकोर्ट ने झारखंड में बालू और अन्य लघु खनिजों के आवंटन पर रोक लगा रखी है। राज्य सरकार ने बालू की आवश्यकता का हवाला देते हुए इस रोक को हटाने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि नियमावली लागू होने तक प्रतिबंध जारी रहेगा।