केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम को लेकर कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

नई  दिल्ली :  वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती में सरकार ने कहा कि बिना सोचे-समझे रोक लगाना सही नहीं है, क्योंकि कानून की वैधता पर संदेह नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर हलफनामा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने के लिए है। सरकार का कहना है कि कोर्ट कानून की समीक्षा कर सकता है, लेकिन सिर्फ कुछ खास आधारों पर। जैसे कि कानून बनाने की शक्ति किसके पास है और क्या यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। सरकार ने यह भी कहा कि याचिकाएं गलत धारणा पर आधारित हैं कि संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों को छीन लेते हैं। सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले पर अंतिम फैसला दे और किसी भी तरह की रोक न लगाए। संशोधन एक संसदीय पैनल द्वारा गहन अध्ययन के बाद लाए गए थे। सरकार ने कहा कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग करके निजी और सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया है। सरकार के अनुसार, मुगल काल से पहले, आजादी से पहले और आजादी के बाद कुल 18,29,163.896 एकड़ वक्फ संपत्ति बनाई गई थी। सरकार ने हलफनामे में कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि 2013 के बाद वक्फ भूमि में 20,92,072.536 एकड़ की वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानून को बदलना सही नहीं है।

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