श्रावणी मेले से झारखंड को देश- दुनिया में मिली है एक विशिष्ट पहचान


 रांची ; झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम में वार्षिक राजकीय श्रावणी मेला 11 जुलाई से शुरू होगा. इसकी तैयारियों को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (23 मई, 2025) को बाबा बैद्यनाथ धाम-बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार एवं राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि श्रावणी मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं निश्चित समय के भीतर पूरी कर लें. इस दौरान अधिकारियों ने मेले की तैयारियों की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.   सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि श्रावणी मेला हमारी आस्था का एक बड़ा केंद्र है. इसने झारखंड को देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान दी है. इस वर्ष लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. व्यवस्था को इतना भव्य स्वरूप दिया जाए कि श्रद्धालु यहां से सुखद अनुभव लेकर जाएं. सरकार की ओर से इसके लिए हर तरह के संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. मेले में स्वच्छता, विश्राम, पेयजल, बिजली, पानी, शौचालय, स्नानागार, यातायात और स्वास्थ्य से संबंधित एक-एक व्यवस्था पर बैठक में चर्चा हुई.

सीएम ने इसके लिए सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें. बैठक में तय हुआ कि श्रावणी मेला के समापन तक के लिए मेला रूट में खाली पड़ी जमीन को लेने के लिए रैयतों से बात की जाएगी. अगर वे इसके लिए तैयार हो जाते हैं तो उनकी जमीनों पर विश्राम गृह, शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था की जाएगी. मेले के समापन के बाद जमीन की पूरी साफ-सफाई कर उसके रैयत को वापस कर दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से आवास और भोजन की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया. मेले के दौरान बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में भीड़ नियंत्रण के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को पुख्ता रखने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए. पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती और वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. 

पर्याप्त संख्या में वाहन प्लेट नंबर रीडिंग हाई डेफिनेशन कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि ट्रैफिक सिस्टम का उल्लंघन करने वालों की तत्काल पहचान हो सके. किसी भी श्रद्धालु को अगर कोई परेशानी या समस्या हो रही है तो कार्रवाई के लिए क्यूआर कोड पर आधारित व्यवस्था की जाएगी. 

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