आदिवासी संगठनों का झारखंड बंद पर मिलाजुला असर, पुलिस नहीं होने दिया हंगामा

रांची : झारखंड की राजधानी रांची के सिरमटोली रैंप के विरोध में आज आदिवासी संगठनों के झारखंड बंद का राज्य में मिलाजुला असर रहा। आदिवासी बचाओ मोर्चा और केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा की तरफ से इस बंद का आह्वान किया गया है। राजधानी रांची में भी बंद का असर देखा जा रहा है। लंबी दूरी की बसें नहीं चल रही है। सड़कों पर वाहनों का आवागमन आम दिनों की तुलना में काफी कम है। ज्यादातर दुकानें बंद है।  रांची के डोरंडा-सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद पर आदिवासियों की धर्मस्थली मरांग बुरु, पारसनाथ पहाड़ गिरिडीह, लुगू बुरू, मुड़हर पहाड़ पिठौरिया, दिउड़ी दिरी तमाड़ एवं बेड़ो महादानी सरना स्थल को बचाने के लिये बंद का मिलाजुला आसर देखने को मिला। रांची जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से राजधानी के चौक-चौराहों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. डोरंडा सिरमटोली फ्लाई ओवर रैंप के पास बंद समर्थक न पहुंच जाएं इसके लिए इस जगह पर पुलिस पदाधिकारी, मजिस्ट्रेट और बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती रही. आदिवासी लगातार सरकार से सिरमटोली सरना स्थल के मुख्य गेट के सामने से रैंप हटाने, ग्राम सभा को अधिकार देने, आदिवासी इलाकों में शराब  नीति वापस लेने के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के सरना स्थल, आदिवासी समुदाय की जल जंगल जमीन की रक्षा सहित कई मांगों के समर्थन में आगे भी प्रदर्शन किया। वहीं बंद को लेकर लातेहार में मिलाजुला असर रहा. इस दौरान यात्री बसों का परिचालन प्रभावित रहा. आदिवासी समाज के लोगों ने लातेहार के उदयपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग 39 को जाम रखा. जाम के कारण मालवाहक वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लातेहार जिले के उदयपुरा गांव के पास बंद समर्थक सड़क पर उतर गए और सड़क को जाम कर दिया.  बंद के मद्देनजर सभी व्यावसायिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील पर  बड़े भारी वाहनों का परिचालन ठप रहा, पैसेंजर वाहनों की आवाजाही भी नहीं के बराबर रही लेकिन दोपहिया और प्राइवेट वाहन सड़कों पर देखे गए. हालांकि दूकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे. आमजनों का आवागमन भी बहुत कम रहा

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