रांची : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के बाद अब झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने भी नगड़ी में रिम्स-टू के निर्माण का विरोघ किया. मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीएम आवास में मुलाक़ात कर ज्ञापन सौंपते हुए नगड़ी में किये जा रहे रिम्स-टू निर्माण योजना को अविलंब रद्द करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की. उन्होंने कहा कि नगड़ी मौजा में खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे रैयतों एवं ग्रामीणों की जमीन का रिम्स-2 के निर्माण के लिए अधिग्रहण किया जाना नकारात्मक और विकास विरोधी कार्रवाई है. जिसे हर हाल में रद्द किया जाना चाहिए. तिर्की ने कहा कि कभी आईआईएम तो कभी ट्रिपल आईटी या फिर राष्ट्रीय उच्च पथ के चौड़ीकरण के लिए ग्रामीणों की खेती योग्य जमीन का अधिग्रहण करने के अनेक प्रयास किये गए. लेकिन ग्रामीणों के प्रबल विरोध और उनकी न्यायोचित मांगों के बाद उक्त योजनायें रद्द हो गई. लेकिन अब जिस प्रकार से रिम्स-टू के निर्माण के लिए ज़मीन अधिग्रहण की साज़िशें रची जा रही है वह पूरी तरीके से लोकप्रिय सरकार की आम ग्रामीणों एवं कृषकों के प्रति संवेदनशील भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि आनुपातिक रूप से नगड़ी अंचल में आबादी अनुपात में खेती योग्य जमीन पर्याप्त नहीं है. इसके बावजूद वहां के अधिकांश लोग जीवन यापन के लिए खेती-किसानी पर ही निर्भर हैं और वहां की ज़मीनी स्थिति को न केवल स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बल्कि स्वयं गुरुजी शिबू सोरेन भी बखूबी जानते हैं. तिर्की ने मुख्यमंत्री से कहा कि पिछले 17 मई को रिम्स-2 के लिए सरकारी अमीन द्वारा ज़मीन की मापी होता देख रैयतों एवं ग्रामीणों ने बर्ष 1956-57 से लेकर बर्ष 2012 तक सरकार द्वारा उक्त भूमि की मालगुजारी रसीद रैयतों के नाम पर जारी होने का दस्तावेज दिखाया. वहीं तिर्की ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से पेसा नियमावली को अविलंब अंतिम स्वरूप देकर पेसा कानून को लागू करने की भी मांग की और तिर्की ने मुख्यमंत्री से 28 अप्रैल 2017 को गठित टाना भगत विकास प्राधिकार पर भी चर्चा की.