रांची। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा झारखंड में किए गए अध्ययन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए आदर्श मॉडल बताया है। “RATIONS” शीर्षक से द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन में खुलासा हुआ है कि टीबी रोगियों को खाद्यान्न राशन उपलब्ध कराने से इलाज के परिणाम बेहतर हुए और मौतों में उल्लेखनीय कमी आई। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इसे राज्य और देश के लिए ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने कहा, “यह WHO की सराहना न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमेशा भरोसा जताया और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की प्रेरणा दी।” डॉ. अंसारी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री बनते ही उन्होंने कई निर्णायक फैसले लिए, जिनकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। इनमें मरीज की मौत के बाद शव को पैसे के अभाव में अस्पताल में रोकने पर प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक निर्णय शामिल है, जिसे बाद में असम ने भी अपनाया। इसके अलावा, रांची स्थित RIMS अस्पताल पर बढ़ते बोझ को देखते हुए एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल RIMS-2 खोलने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में राज्यव्यापी मुहिम चलाई गई, जिसमें दवाइयों से लेकर पोषण और जागरूकता तक हर संसाधन उपलब्ध कराया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के साथ निरंतर संपर्क और केंद्र सरकार के सहयोग से इस अभियान को बल मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मेरे लिए यह गर्व का क्षण है कि WHO जैसी विश्व की सबसे बड़ी संस्था ने झारखंड के प्रयासों को सराहा। यह उपलब्धि झारखंड की जनता को समर्पित है। आलोचकों को भी धन्यवाद, क्योंकि उनकी आलोचनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया।”