रांची। रविवार 7 सितंबर 2025 को खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। यह दुर्लभ खगोलीय घटना पूरे भारत में दिखाई देगी। इसके अलावा एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई देशों से भी लोग इसे देख सकेंगे।
वेदाचार्य गोविंद कुमार शर्मा के अनुसार भारतीय मानक समय (आईएसटी) के अनुसार ग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे होगा। ग्रहण का मध्य चरण 11:41 बजे और मोक्ष यानी समाप्ति 1:27 बजे (8 सितंबर की रात) होगी।
उन्होंने बताया कि ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है। इस आधार पर सूतक रविवार दोपहर 12:57 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। सूतक और ग्रहण अवधि में मंदिर प्रवेश, मूर्ति स्पर्श, पूजन और भोजन वर्जित माने गए हैं। ग्रहण स्पर्श और मोक्ष के समय स्नान करने की परंपरा है।
ग्रहण काल में पकाया हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। कच्ची सामग्री और दूध-दही-घी आदि में कुश डालकर सुरक्षित रखने की परंपरा है। ग्रहण मोक्ष के बाद पीने का पानी पुनः भरना चाहिए। वृद्ध, बालक और रोगी जरूरत पड़ने पर हल्का आहार ले सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। शास्त्रों में पेट पर गोबर का लेप और पास में कुशा रखने का निर्देश है।