गिरिडीह के खंडोली डैम में जलसमाधि लेने पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण, पुलिस ने रोका

गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिला स्थित खंडोली डैम से जुड़े जमीन विवाद ने तूल पकड़ लिया है। डैम के आस-पास के इलाके में रहने वाले सैकड़ों ग्रामीणों का आरोप है कि डैम के सीमांकन के नाम पर उनकी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। इसपर विरोध जताते हुए सोमवार को सैकड़ों ग्रामीण डैम पहुंचे और जलसमाधि लेने का ऐलान किया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने डैम में उतर रहे लोगों को बलपूर्वक बाहर निकाला। इस दौरान आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर तक नोंकझोंक हुई।झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के बैनर तले चल रहे “खंडोली बचाओ अभियान” के तहत ग्रामीणों ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर ‘जलसमाधि आंदोलन’ का ऐलान पहले से किया गया था। प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई थी।ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 1992 में जब खंडोली में डैम बनाने के लिए दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) की ओर से जमीन का अधिग्रहण किया गया तो स्पष्ट रूप से सीमांकन नहीं किया गया। अब डैम का सीमांकन शुरू किया जा रहा है और इस दौरान उनकी पुश्तैनी और रैयती जमीन को भी डैम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन ने गलत तरीके से जमीन का अधिग्रहण किया है। अधिकारी इसका कोई दस्तावेज भी नहीं दिखा रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि बिना मुआवजा और पुनर्वास के उन्हें बेदखल किया जा रहा है।आंदोलनकारियों ने अंचल अधिकारी और जिला प्रशासन को पहले ही आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा था, जिसमें जमीन का पुन: सीमांकन करने, रैयतों की जमीन लौटाने, विस्थापित परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास देने जैसी मांगें शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जेएलकेएम नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर 15 दिनों के भीतर सकारात्मक पहल नहीं की, तो बड़ी संख्या में ग्रामीण डैम में सामूहिक जल समाधि लेंगे। सोमवार के प्रदर्शन के बाद डैम इलाके में तनाव का माहौल है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

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