तेज प्रताप राजद से निकाले जाने के बाद अब बिहार विधानसभा चुनाव में दिखाएंगे दम

पटना : लालू यादव द्वारा पार्टी और परिवार से निष्कासित किए गए तेज प्रताप यादव अब बिहार में नए सियासी दल के साथ राजनीति करते दिख सकते हैं. तेज प्रताप यादव का पिछले महीने अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ रिलेशनशिप में होने का खुलासा हुआ था. इसके बाद नैतिकता के आधार पर लालू यादव ने पार्टी और परिवार से उन्हें बाहर कर दिया था. हालांकि आप माना जा रहा है कि तेज प्रताप राजद की जगह बिहार में एक नए दल को सियासी मजबूती प्रदान करने के लिए नेतृत्व करेंगे.सूत्रों की माने तो खुद को बिहार की सियासत में एक बड़े लीडर के रूप में उभारने के लिए तेज प्रताप यादव जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी दो दिन पहले ही बात भी हुई थी. तब तेज प्रताप यादव ने एक्‍स पर ल‍िखा, ”आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई,इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई….अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे है और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नही हूं….बता दें कि इससे पहले 25 मई 2025 को तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बेदखल किये जाने के लालू यादव के फैसले के बाद अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया के माइक्रो ब्लॉगिंग साइट प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, यह समाचार चिंतनीय है कि बिहार के एक चर्चित राजनीतिक परिवार के सदस्य के सोशल मीडिया को हैक करके, उनकी तस्वीरों के साथ झूठी सामग्री प्रकाशित की गई है. ये एक बहुत गंभीर मामला है. अगर ऐसे ही हैकिंग होती रही तो कोई इसका बेहद गंभीर और संवेदनशील दुरुपयोग भी कर सकता है या तो सच्चे व्यक्ति को बदनाम करने के लिए या कोई गलत व्यक्ति अपने आत्मप्रचार के लिए. हालांकि बाद में तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव के बीच सम्बन्धों का खुलासा हुआ जिसके बाद उनके खिलाफ लालू यादव ने कार्रवाई की.  बता दें कि अखिलेश यादव तेज प्रताप यादव की बहन राजलक्ष्मी यादव के ससुर हैं. लालू यादव और मुलायम सिंह यादव के परिवार के इस रिश्तेदारी को अब नए रूप में पेश करने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव को समाजवादी पार्टी के टिकट पर बिहार में चुनाव में उतारने की रणनीति बन सकती है. 

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