आस्था डेस्क : चैत्र महीने में पहली प्रत्यक्ष नवरात्रि पड़ती है. नवरात्रि के नौ दिन माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही, व्रत भी रखा जाता है. ये नवरात्रि बड़ी विशेष होती है, क्योंकि चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है, लेकिन इसी महीने आखिर क्यों होती है हिंदू नववर्ष शुरुआत. आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं.साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस दिन से चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व का शुभारंभ भी होता है। इस बार 30 मार्च 2025 यानी आज से चैत्र नवरात्रि शुरु हो चुके हैं। खास बात यह है कि इस तिथि पर रेवती नक्षत्र और ऐन्द्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। इसके अलावा यह दिन हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के रूप में आया है, जिसमें सूर्य और चंद्र देव दोनों मीन राशि में मौजूद हैं।वैदिक पंचांग के अनुसार कल 31 मार्च को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। कल मां की पूजा के लिए शुभ अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भक्त मां भगवती के दूसरे स्वरूप में देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा कर सकते हैं।दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्ञान, तपस्या और संयम का प्रतीक है। इनकी उपासना करने से साधकों को आत्मबल, धैर्य और सफलता की प्राप्ति होती है मां ब्रह्मचारिणी इस मंत्र से धन बल दोनों की प्राप्ति होती है। मंत्र जाप करें मंत्र: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः”बीज मंत्र: “ॐ ह्रीं ब्रह्मचारिण्यै नमः”फिर आरती करें: माँ ब्रह्मचारिणी की आरती करें और भक्तिभाव से उनका स्मरण करने से अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है।