CCL में फर्जी लोगों को दी जा रही थी मुआवजा और नौकरी, CID जांच शुरू

रांची : चतरा में सीसीएल के टंडवा स्थित आम्रपाली परियोजना में फर्जी लोगों को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी और मुआवजा बांटा जा रहा था।असली रैयत होने की दावेदारी करने वाले जब इसका विरोध करते थे तो उन्हें गाली-गलौज व धक्का मुक्की कर भगा दिया जाता था। इस मामले में एक रैयत थाना क्षेत्र के ही नौडीहा गांव निवासी परमेश्वर गंझू ने 19 जून 2024 को टंडवा थाने में आम्रपाली परियोजना के तत्कालीन महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह के विरुद्ध गाली-गलौज, धक्का-मुक्की से संबंधित व एससी-एसएसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।वर्तमान में सीसीएल के आम्रपाली परियोजना में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार नौकरी और मुआवजे का मामला चर्चा में है। चर्चा की वजह एसडीओ सिमरिया की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय जांच टीम की वह रिपोर्ट है, जिसमें अंचल कार्यालय और सीसीएल के पदाधिकारियों-कर्मियों की मिलीभगत से जालसाजी का खुलासा हुआ है। इसी रिपोर्ट के आधार पर चतरा के तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने टंडवा थाने में 29 मार्च 2025 को एक अन्य प्राथमिकी दर्ज कराई थी।इसी एफआईआर को सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सीआईडी ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की तो जालसाजी के परत-दर-परत खुलते जाएंगे।इसमें आरोप टंडवा के अंचल कार्यालय पर है। इस पर सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के लिए निर्गत वंशावली प्रमाण पत्र, भूमि सत्यापन एवं भूमि नक्शा में छेड़छाड़ कर अवैध तरीके से नियोजन और मुआवजा दिलाने का आरोप है। फर्जी सत्यापन रिपोर्ट से लेकर फर्जी मालिकाना हक संबंधित दस्तावेज तैयार कर आरोपितों ने सीसीएल से नौकरी और मुआवजे का लाभ लिया गया है। अब तक करीब 22 लोगों की सीसीएल में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी और मुआवजा लिए जाने का मामला एसडीओ सिमरिया की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय टीम ने अपनी जांच में उजागर किया है। अब सीआईडी ने जांच अपने अधीन लिया है तो खुलासे और होंगे।

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