राज्य कमिटी की बैठक में सामाजिक एकता और जन-अभियान पर जोर रांची : भाकपा (माकपा) झारखंड राज्य कमिटी की बैठक शनिवार को पार्टी कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में पहचान की राजनीति के आधार पर कुर्मी/कुड़मी और आदिवासी समुदायों के बीच विभाजन की साजिश पर गहरी चिंता जताई गई। कमिटी ने कहा कि यह विभाजन राज्य की सामाजिक एकता और सामूहिक प्रगति के लिए घातक साबित होगा।राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसानों, युवाओं और मेहनतकश तबकों की एकजुटता को बनाए रखने के लिए पार्टी राज्यव्यापी अभियान चलाएगी। माकपा ने इस तथ्य का स्वागत किया कि दोनों समुदायों के भीतर बड़ी संख्या में लोग इस विभाजनकारी राजनीति के विरोध में हैं। पार्टी ने कहा कि ऐसे प्रगतिशील लोगों के साथ संवाद बढ़ाते हुए संपर्क और सहयोग को मजबूत किया जाएगा।बैठक में सरकारी ब्लड बैंकों की बदहाल स्थिति और छह जिला अस्पतालों को पीपीपी मोड में दिए जाने के फैसले का विरोध किया गया। कमिटी ने कहा कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर करेगा और गरीब तबकों की पहुंच सीमित करेगा।बैठक में संताल परगना और कोल्हान क्षेत्रों में खनन से उत्पन्न प्रदूषण, सड़क दुर्घटनाओं और कृषि भूमि के नष्ट होने पर भी चर्चा हुई। पार्टी ने निर्णय लिया कि प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर मांग पत्र तैयार किया जाएगा और उसके आधार पर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।कमिटी ने अंचल कार्यालयों में लंबित म्यूटेशन आवेदनों, गैर-मजरुआ भूमि की रसीद निर्गत करने और अंचल-प्रखंड स्तर पर बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाकर धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय भी लिया।बैठक में केरल की वाम-जनवादी मोर्चा सरकार द्वारा अत्यंत गरीबी समाप्त करने के प्रयास की सराहना की गई। राज्य कमिटी ने घोषणा की कि 7 नवंबर (समाजवादी क्रांति दिवस) से 15 नवंबर (झारखंड स्थापना दिवस) तक ‘केरल मॉडल के पक्ष में जन-अभियान’ चलाया जाएगा। इस दौरान राज्यभर में सभाएं, सेमिनार और परिचर्चाएं आयोजित की जाएंगी।बैठक की अध्यक्षता सुरजीत सिन्हा ने की।