झारखंड की एक तिहाई आबादी अपनी भाषा और पहचान की लड़ाई लड़ने को मजबूर

रांची : हरमू में अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक मंच अध्यक्ष कैलाश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में भाषाई अस्मिता और क्षेत्रीय भाषा सूची से भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका, भूमिज के हटाए जाने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंच जल्द ही एक विशेष प्रतिनिधिमंडल का गठन करेगा, जो राज्य सरकार में इन भाषाओं को बोलने वाले मंत्रियों व विधायकों से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा। मंच अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल भोजपुरी-मगही भाषी मंत्री राधाकृष्ण किशोर, दीपिका पांडेय सिंह और मैथिली-अंगिका भाषी मंत्री संजय प्रसाद यादव सहित विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान भाषाई हक की लड़ाई का हिस्सा है, जिसे पूरे राज्य में जन-जागरण के माध्यम से चलाया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा द्वितीय राजभाषा के रूप में मान्य इन भाषाओं को नियोजन नीति की क्षेत्रीय भाषा सूची से हटा दिया गया है, जिसके खिलाफ मंच लगातार आंदोलनरत है। बैठक में मंच के वरिष्ठ नेता अमरनाथ झा ने प्रस्ताव का सर्वसम्मत समर्थन करते हुए कहा कि अध्यक्ष द्वारा गठित विशेष कमिटी का मंच की ओर से स्वागत किया जाता है। इस बैठक में प्रमुख रूप से कैलाश यादव, अमरनाथ झा, सुरेंद्र मिश्रा, राधेश्याम यादव, चंद्रदेव मंडल, रामकुमार सिंह, सुधीर गोप, कुंदन सिंह, सुनील पांडेय, उमेश राय, बबन यादव, जितेंद्र यादव, विभाकर कुमार, राजेश झा, ब्रजकिशोर झा, दीनानाथ पासवान, शिवकुमार राय, महानंद भुवन, किशोर झा व सुबोध ठाकुर सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

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