झारखंड में नगर निकाय चुनाव में मेयर और वार्ड पार्षद पदों के आरक्षण में बड़ा बदलाव, आयोग ने तैयारी की तेज

रांची : राज्य में आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले सरकार ने झारखंड नगरपालिका निर्वाचन नियमावली में संशोधन करते हुए मेयर और वार्ड पार्षद पदों का नया आरक्षण ढांचा लागू कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत वार्ड पार्षदों के लिए चक्रीय आरक्षण एक बार फिर से शुरू किया गया है, जबकि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के अध्यक्ष (मेयर) पदों से चक्रीय आरक्षण पूरी तरह हटा दिया गया है। मेयर पदों के लिए नया आरक्षण फॉर्मूला नए फॉर्मूले के अनुसार मेयर और अध्यक्ष पदों का क्रम होगा—पहले एसटी, फिर एससी, उसके बाद बीसी-1, फिर बीसी-2 और अंत में सामान्य वर्ग। इसके आधार पर राज्य में मेयर पदों का आरक्षण इस प्रकार तय किया गया है— रांची और आदित्यपुर नगर निगम: अनुसूचित जनजाति (ST) गिरिडीह नगर निगम: अनुसूचित जाति (SC) हजारीबाग नगर निगम: पिछड़ा वर्ग (OBC) देवघर, धनबाद, चास, मेदिनीनगर और मानगो: अनारक्षित राज्य में अधिकतम 50% आरक्षण सीमा के कारण 9 में से केवल 4 मेयर पद ही आरक्षित किए गए हैं। चुनाव की तैयारी तेज, दिसंबर तक पूरा होगा वार्ड आरक्षण राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि दिसंबर 2025 तक वार्डों का चक्रीय आधार पर आरक्षण तय कर लिया जाए। आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव कराए जाएंगे। इस बार के चुनाव को पहला चुनाव मानते हुए वार्ड स्तर पर नए सिरे से चक्रीय आरक्षण लागू किया जाएगा। जहां होंगे शहरी निकाय चुनाव नगर निगम (9): रांची, हजारीबाग, मेदिनीनगर, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर, मानगो नगर परिषद (20) और नगर पंचायत (19) में भी इसी आधार पर आरक्षण तय किया जाएगा। वार्डों में 1% से कम जनसंख्या वाले वर्ग को आरक्षण नहीं संशोधित नियमावली के अनुसार किसी वार्ड में यदि SC/ST/OBC की जनसंख्या 1% से कम है, तो उस वर्ग के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा। राज्य में चुनावी तैयारियों को अंतिम चरण तक पहुंचाने के लिए आयोग लगातार जिलों के साथ समन्वय कर रहा है। नई आरक्षण व्यवस्था के चलते कई नगर निगमों में मेयर पदों के समीकरण बदल गए हैं, जिससे स्थानीय राजनीति में भी नई हलचल देखने को मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *