रांचीः झारखंड सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सोमवार को विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। मांगों पर बहस नौ दिसंबर को होगी। विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्र नाथ महतो ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए तीन घंटे की समय सीमा निर्धारित की है।इससे पहले शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ गये और धान की बढ़ी हुई एमएसपी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गये।सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आएभाजपा विधायकों के हंगामे के जवाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि आज विपक्षी सदस्य ओबीसी के हक की बात कर रहे हैं, जबकि इन्हीं लोगों की वजह से ओबीसी का आरक्षण कम हो गया। वहीं संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि चलते सत्र में इन मामलों पर चर्चा की जा सकती है। फिर भी विपक्ष का सख्त रुख बरकरार रहा।इसी बीच सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गये। हालात को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर पक्ष-विपक्ष के कई सदस्यों ने शून्यकाल और ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से अपने क्षेत्र और राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से कार्रवाई की मांग की। हालांकि दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी भाजपा विधायक फिर से वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे। हंगामा और नारेबाजी के बीच ही स्पीकर ने विधायकों से शून्य काल के प्रश्न लिए। उसके बाद ध्यान आकर्षण सूचनाओं पर भी चर्चा कराई और प्रभारी मंत्रियों से जवाब दिलवाया।केन्द्रांश विमुक्ति में विलम्ब से परेशानीवहीं मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने राज्य में छात्रवृत्ति वितरण को लेकर चल रहे हंगामे के बीच केंद्र सरकार पर बकाया राशि जारी न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सदन में आंकड़े पेश करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने कितनी राशि की मांग की है और केंद्र सरकार ने कितनी राशि जारी की है, जिसके कारण छात्रों को भुगतान में देरी हो रही है। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने स्पष्ट किया कि केन्द्रांश की विमुक्ति के अभाव में राज्य सरकार बजटीय उपबंध होते हुए भी आवंटन आदेश जारी नहीं कर सकती। सुदिव्य कुमार सोनू ने वित्त विभाग के एक पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आवंटन आदेश तभी जारी होता है जब केंद्र सरकार से पैसा विमुक्त हो जाए। लेकिन विलम्ब से केन्द्रांश विमुक्ति की स्थिति में ही भुगतान लंबित रहता है।