चाईबासा/राउरकेला: भाकपा (माओवादी) संगठन द्वारा आहूत 24 घंटे के भारत बंद का असर शनिवार देर रात देखने को मिला जब नक्सलियों ने ओडिशा के रॉक्सी और रेंगड़ा स्टेशन के बीच रेल पटरी को विस्फोट से उड़ाने की कोशिश की। यह घटना बंद के पहले ही दिन हुई और इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। हालांकि विस्फोट की तीव्रता कम थी, जिससे पटरी को बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सीमेंट का एक स्लीपर क्षतिग्रस्त हो गया। घटनास्थल पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए बैनर और छोड़े गए पोस्टर में पुलिसिया दमन के खिलाफ जन प्रतिरोध का आह्वान किया गया है। रेलवे विभाग और स्थानीय प्रशासन घटना के बाद तुरंत हरकत में आया। सुरक्षा एजेंसियों ने झारखंड-ओडिशा सीमा पर अतिरिक्त बलों की तैनाती कर दी है। सारंडा के घने जंगलों में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों द्वारा सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नक्सलियों ने झारखंड, ओडिशा, बिहार और छत्तीसगढ़ में बंद का ऐलान किया है, जो शनिवार रात 12 बजे से प्रभावी हुआ। बंद के समर्थन में नक्सली क्षेत्रों में पर्चे और पोस्टर भी चिपकाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, रेल पटरियों को निशाना बनाना नक्सलियों की पुरानी रणनीति रही है। पिछले साल भी ऐसी कई घटनाएं हुई थीं, जिनमें ट्रेनों को रोकना, रेलवे स्टेशनों में आगजनी और इंजीनियरों के अपहरण जैसे मामले शामिल रहे हैं। यह घटना एक बार फिर स्पष्ट करती है कि सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में उग्रवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे संगठन समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं।