रांची । झारखंड में पेसा एक्ट की नियमावली अब तक लागू नहीं किए जाने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाया। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की पीठ ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव से व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण मांगा है। सुनवाई के दौरान प्रधान सचिव अदालत में स्वयं उपस्थित रहे। पीठ ने पूछा कि पूर्व के आदेश के बावजूद अब तक नियमावली लागू क्यों नहीं की गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि तय समय सीमा में नियमावली लागू नहीं की गई तो अदालत सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य होगी। सचिव की ओर से अदालत को बताया गया कि नियमावली लागू करने की प्रक्रिया जारी है और पंचायती राज अधिनियम सहित अन्य विधिक प्रावधानों के तहत पेसा एक्ट की भावना के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। कोर्ट ने सचिव को अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि पेसा एक्ट अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा को अधिकार देने से संबंधित है, जिसकी नियमावली को लेकर झारखंड सरकार की ओर से अब तक ठोस पहल नहीं हो सकी है।