रांची : बहुचर्चित फर्जी नक्सल सरेंडर मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश पर डीजीपी तदाशा मिश्रा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुईं। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा कि वर्ष 2021 में आदेश जारी होने के बावजूद अब तक न तो पुलिस और न ही राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई की।अदालत ने कहा कि इतने संवेदनशील मामले को हल्के में लिया जा रहा है और निचले अधिकारी से शपथ पत्र दाखिल कराना उचित नहीं है। डीजीपी ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि गलती हुई है और समय देकर जल्द विस्तृत जवाब दायर किया जाएगा। अदालत ने अगली सुनवाई 15 दिसंबर निर्धारित की है और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में दिग्दर्शन इंस्टीट्यूट के माध्यम से 514 छात्रों को नक्सली बताकर कथित तौर पर फर्जी तरीके से सरेंडर कराया गया था।आरएफओ-एसीएफ भर्ती: कोर्ट ने मई 2026 तक रिजल्ट जारी करने का निर्देश दियाहाईकोर्ट ने जेपीएससी को निर्देश दिया है कि असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (एसीएफ) और रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आरएफओ) भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम मई 2026 के अंतिम सप्ताह तक जारी किया जाए। कोर्ट ने जेपीएससी द्वारा दायर प्रति-शपथ पत्र स्वीकार करते हुए बताया कि एसीएफ की प्रारंभिक परीक्षा 13 जुलाई 2025 और आरएफओ की परीक्षा 29 जून 2025 को हुई थी। मॉडल आंसर कई चरणों में संशोधित किए गए और अंतिम संशोधित उत्तर 25 नवंबर 2025 को जारी किए गए। एसीएफ का मेंस 6-9 फरवरी 2026 और आरएफओ का मेंस 22-24 जनवरी 2026 को आयोजित होगा। दोनों परीक्षाओं के मेंस मूल्यांकन और साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम परिणाम मई 2026 के अंतिम सप्ताह तक प्रकाशित किया जाएगा। अगली सुनवाई 11 जून 2026 को होगी।