पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले महागठबंधन में टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान अब सड़कों पर आ गया है। रविवार सुबह राबड़ी देवी के आवास के बाहर टिकट के लिए पूर्व प्रत्याशी मदन साह ने विरोध में अपना कुर्ता फाड़ लिया। वे सड़क पर रोते-बिलखते नजर आए। मदन साह ने आरोप लगाया कि मधुबन विधानसभा सीट से टिकट देने के बदले संजय यादव ने ₹2.70 करोड़ की मांग की थी। “रकम नहीं देने पर टिकट किसी और को दे दिया गया,” उन्होंने कहा। इधर, चुनाव की तारीखें नजदीक हैं — पहले चरण की वोटिंग में अब सिर्फ 19 दिन बाकी हैं। 20 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है, लेकिन महागठबंधन अब तक सीट शेयरिंग का संयुक्त ऐलान नहीं कर सका है। कांग्रेस अब तक 53 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है (पहली लिस्ट में 48, दूसरी में 5 नाम)। वहीं, रविवार को RJD ने अपनी पहली आधिकारिक लिस्ट जारी की है, जिसमें 52 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं — इनमें 22 यादव, 3 मुस्लिम और 3 भूमिहार-ब्राह्मण समाज से हैं। राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी सतीश यादव से होगा, जिन्होंने 2010 में राबड़ी देवी को इसी सीट से हराया था। दूसरी ओर, NDA में सीट शेयरिंग पूरी हो चुकी है और सभी सहयोगी दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सस्पेंस बरकरार है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “हमारा 5 दलों का गठबंधन है, जीतने के बाद विधायक दल ही अपना नेता चुनेगा।” इससे पहले 17 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि नीतीश कुमार पर न केवल बीजेपी बल्कि बिहार की जनता को भी पूरा भरोसा है। NDA की जीत के बाद मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल करेगा।