लातेहार में तीन छात्राओं पर डायन बिसाही का आरोप, स्कूल प्रबंधन ने दिखाया बाहर का रास्ता , जांच के आदेश

लातेहार:  झारखंड हाइकोर्ट ने जादू–टोना और डायन बिसाही में सख़्ती बावजूद भी  शक में हत्या और प्रताड़ना किए जाने के मामले थम नहीं रहे हैं. ताजा मामला लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड का है, यहां एकलव्य  आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली तीन बच्चियों पर डायन बिसाही करने का आरोप लगाकर उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब मामले की जांच प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं. दरअसल, स्कूल प्रबंधन ने आरोप लगाया है कि स्कूल में पढ़ने वाली तीन छात्राएं रात में डायन बिसाही जैसी हरकत करती है. इससे विद्यालय में पढ़ने वाले दूसरे छात्र और शिक्षक भयभीत हैं. जिसके बाद प्राचार्य ने स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों के परिजनों को स्कूल बुलाया और परिजनों के साथ तीनों बच्चियों को वापस घर भेज दिया. जानकारी के मुताबिक, लगभग आठ दिन तक बच्चियां अपने घर में रही. जब परिजन फिर से लड़कियों को स्कूल छोड़ने गए तो स्कूल में इन्हें लेने से मना कर दिया. स्कूल के शिक्षक ने परिजनों से कहा कि इनका दाखिला किसी दूसरे स्कूल में करा दें. काफी अनुरोध करने के बाद भी जब बच्चियों को स्कूल प्रबंधन ने वापस नहीं लिया तो परिजनों ने इसकी शिकायत बाल संरक्षण से जुड़े संगठन से की. सूचना मिलने के बाद बाल संरक्षण से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता रूबी कुमारी, स्कूल पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि सूचना वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा दी गई है. इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद लातेहार बाल कल्याण समिति ने इस पर संज्ञान लिया है. बाल कल्याण समिति ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है. वहीं इस संबंध में समेकित आदिवासी विकास अभिकरण द्वारा भी मामले में संज्ञान लेकर जांच शुरू हो गई है. एकलव्य विद्यालय का संचालन समेकित आदिवासी विकास अभिकरण के माध्यम से ही किया जाता है. आईटीडीए निदेशक प्रवीण गगराई ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल, शिकायत के आधार पर बच्चों की काउंसलिंग कराई जाएगी, जिसके बाद उन्हें इस विद्यालय या किसी अन्य विद्यालय में दाखिला दिलाया जाएगा।

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