दुमका : बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास संथाल परगना क्षेत्र में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत धार करने और जनता तक अपनी बातें पहुंचाने में जुटे हैं. एक तरफ रघुवर दास कल शनिवार को दुमका पहुंचे और फिर पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा, जामताड़ा में जाकर जन चौपाल का आयोजन कर रहे है . वहीं, रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा में बरहेट प्रखंड में जन चौपाल आयोजित किया . इधर बाबूलाल मरांडी भी आज रविवार को दुमका पहुंचे और यहां अग्रसेन भवन में कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया. दोनों नेता दुमका परिसदन में ठहरे हुए हैं. जहां उनकी मुलाकात भी हुई. काफी देर तक अपने कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पहले ही जनजातीय समुदाय को लेकर चिंता जताई है . कहा कि झारखंड में जनजातीय समुदाय की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है.हेमंत सरकार अपने वोट बैंक के खातिर इसे पीछे धकेल दिया है . हालांकि झारखंड में किसी तरह का कोई चुनावी माहौल नहीं है. इसके बावजूद बीजेपी पसीना बहा रही है । इसके पीछे जनजातीय समुदाय के बीच बीजेपी अपना संदेश पहुंचना चाह रही है . इस दौरे के लिए जेएमएम के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह दुमका के सांसद नलिन सोरेन का कहना है कि बीजेपी का कोई एजेंडा सेट नहीं होने वाला है .इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने रघुवर दास के संथाल दौरे और आदिवासियों के बीच चौपाल लगाने पर तंज कसा है. मंत्री इरफान अंसारी ने कहा है कि रघुवर दास संथाल में अपनी पहचान नहीं बना पाएंगे. अब इनकी दाल नहीं गलने देंगे .दरअसल है पूर्व दो मुख्यमंत्री रघुवर दास , बाबूलाल मरांडी लगातार संथाल का दौरा कर रहे हैं. वे आदिवासियों के बीच जाकर चौपाल लगा रहे हैं और आदिवासियों को जागृत कर रहे हैं. इस दौरे से कहीं न कहीं राजनीति भी गरमा गई है