सामाजिक पुनर्जागरण के लिए कुड़मी समाज के युवा आगे आएं : सुदेश महतो

रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि कुड़मी समुदाय में सामाजिक पुनर्जागरण के लिए समाज और युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि कुड़मी समाज राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है। उस साजिश को पहचानने की जरूरत है। बिखरे समाज में वैचारिक एकता स्थापित करना होगा। सुदेश महतो रविवार को धनबाद के मुनीडीह स्थित भाटिन हाड़ी थान (भटिंदा फाल्स) में आयोजित दो दिवसीय कुड़मालि नेगाचारी देसजाड़पा (महाधिवेशन) के समापन समारोह में बोल रहे थे। सुदेश ने कहा कि समाज की युवा पीढ़ी के भीतर एक नई चेतना दिख रही है। सौभाग्य की बात है कि सामाजिक–सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए युवा पीढ़ी सजग हुई है। पूर्वजों का सपना और सम्मान नई पीढ़ी संवार रही है जो बहुत खुशी की बात है। दहेज और शराब जैसी कुरीति ने समाज को क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि परंपरा को निभाएं, लेकिन उसे कुरीति नहीं बनने दें। नवनिर्माण के लिए कुरीतियों से समाज को बचाना होगा। सुदेश महतो ने कहा कि नई पीढ़ी ने शोध कर सामाजिक पुनर्जागरण और पुनरुद्धार के लिए पहल शुरू की है। इसका स्वागत है। वैचारिक समानता के लिए देसजाड़पा का आयोजन किया गया है। उन्होंने हमलोगों के बीच राजनीतिक मतभिन्नता हो सकती है, लेकिन सामाजिक–सांस्कृतिक मुद्दे पर समाज को एकजुट होना होगा। सुदेश ने केबिनेट से पारित कराया था कुड़मी को एसटी दर्जा का प्रस्ताव इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि सुदेश महतो ने वर्ष 2004 में झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कुड़मी को आदिवासी दर्जा देने का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेजा था। उन्होंने कहा कि लगातार कुड़मी को एसटी स्टेटस और कुड़मालि को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए समाज को मजबूत बनाना होगा।

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