हेमंत कैबिनेट ने 24 प्रस्तावों के साथ सारंडा जंगल के 314 वर्ग किमी को अभयारण्य घोषित किया

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 24 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई गई। इसके अलावा सारंडा जंगल के 314 वर्ग किलोमीटर को अभयारण्य घोषित करने का निर्णय लिया है। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर 15 अक्टूबर यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होनी है, जहां राज्य सरकार की ओर से अदालत के निर्देश के अनुपालन का एफिडेविट दाखिल किया जाना है। कैबिनेट ने सारंडा में अभयारण्य बनाए जाने के जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, उसकी एक किलोमीटर परिधि को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया जाएगा।सारंडा जंगल का कुल क्षेत्रफल 850 वर्ग किलोमीटर है। इसमें से 314 वर्ग किलोमीटर यानी 36 प्रतिशत इलाका अभयारण्य के रूप में अधिसूचित जाएगा। जिन इलाकों को अभयारण्य के रूप में चिन्हित किया जाएगा, वहां किसी तरह का खनन कार्य नहीं हो सकेगा। अभयारण्य के बाहर के वन क्षेत्रों में वैध रूप से आवंटित पट्टाधारक खनिजों का उत्खनन कर सकेंगे। यहां सबसे ज्यादा इलाके में सेल की आयरन ओर की खदानें हैं, जो वर्षों से संचालित हो रही हैं। ये खदानें पूर्ववत चलती रहेंगी।सुप्रीम कोर्ट ने पहले 57,519.41 हेक्टेयर क्षेत्र को 8 अक्टूबर 2025 तक अभयारण्य घोषित करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इसपर दलील दी कि इतने बड़े क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने से कई खनन क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वर्षों से जो खनन कार्य कानूनी रूप से चल रहे हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *