रांची : झारखंड में हिट एंड रन के मामलों में घायलों का कैशलेस इलाज कराने का प्रबंध किया गया है। केंद्र में पहले से ही यह योजना लागू है और अब इसी आधार पर राज्य में भी नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी की गई है। परिवहन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नोटिफिकेशन के साथ ही अस्पतालों का पैनल भी बन जाएगा। इस पैनल में जितने अस्पताल होंगे वहां सात दिनों तक घायलों के रहने पर कोई खर्च मरीज अथवा परिजनों को नहीं देना होगा। पैसा सरकार देगी। कोशिश की जा रही है कि घटनास्थल के आसपास ही अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराया जा सके।झारखंड में हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को राहत देने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। सर्वप्रथम सरकार प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश में लगी हुई है। घटना के साथ ही घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए घटनास्थल के आसपास के अस्पतालों का पैनल पहले से ही तैयार होगा। इन अस्पतालों में इलाज के अलावा सात दिनों तक भर्ती रहने पर मरीजों अथवा उनके परिजनों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। परिवहन विभाग कोशिश कर रहा है कि पीड़ित अथवा उनकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति शिकायत लेकर सही जगह पर पहुंचे ताकि उनकी मदद की जा सके। ट्रैफिक पुलिस के जवानों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया में कहीं कोई अड़चन ना आए। झारखंड में 2024 में हिट एंड रन के 2473 मामले दर्ज हुए और इनमें से 864 मामलों में लोगों को मुआवजा दिया जा सका। शेष मामले प्रक्रिया की पेंचीदगियों में फंसे हुए हैं।कई बार धक्का मारनेवाले वाहनों की पहचान नहीं हो पाती तो घायल यह भी नहीं बता पाते कि किस प्रकार के वाहन ने उन्हें धक्का मारा था।दर्घटना में मौत होने की स्थिति में भी यही परेशानी आती है। वाहन की जानकारी के बगैर मुआवजा प्रक्रिया में अड़चनें बढ़ जाती हैं।