अयोध्या। लंका विजय के बाद प्रभु राम के अयोध्या लौटने की पौराणिक गाथा रविवार को नगर की गलियों और घाटों पर जीवंत हो उठी। पूरी नगरी दीपों की उज्जवल छटा में नहा उठी और श्रद्धालुओं का हृदय आनंद और भक्ति से भर गया। इस वर्ष दीपोत्सव के दौरान अयोध्या ने दो विश्व कीर्तिमान अपने नाम किए।पहले रिकॉर्ड में राम की पैड़ी के 56 घाटों पर 26.11 लाख दीये प्रज्ज्वलित किए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से स्वप्निल दंगारीकर और कंसल्टेंट निश्चल बरोट ने यह नया कीर्तिमान दर्ज किया। यह लगातार नौवीं बार अयोध्या ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। दूसरे रिकॉर्ड में सरयू आरती में 2100 वेदाचार्यों ने सामूहिक रूप से भाग लिया, जिसे योगी सरकार ने दूसरी बार हासिल किया।दीपोत्सव की भव्यता और भक्ति की भावना देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। घाटों पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए स्वयंसेवकों ने सूती कपड़ों में पूरी सावधानी के साथ व्यवस्था संभाली। तेल, बाती और कपूर का विशेष ध्यान रखते हुए हर घाट पर दीयों को जलाया गया। गिनीज टीम की 75 सदस्यीय गणना टीम ने विश्वविद्यालय के पर्यवेक्षकों और समन्वयकों की उपस्थिति में दीयों की संख्या सुनिश्चित की।समारोह की शुरुआत रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा श्रीराम का राजतिलक और राज्याभिषेक से हुई। जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा पार्क गुंजायमान हुआ। मुख्यमंत्री ने श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ का तिलक कर माल्यार्पण और आरती की। प्रदेश सरकार के मंत्री और राम मंदिर ट्रस्ट के संत-महंत भी इस भव्य आरती का हिस्सा बने।रात्रि में भव्य आतिशबाजी और ड्रोन शो ने दीपोत्सव की शोभा और बढ़ा दी। इस अनूठे और अविस्मरणीय दृश्य ने अयोध्या को एक बार फिर विश्व पटल पर गौरवान्वित किया, जहां भक्ति, संस्कृति और रोशनी ने मिलकर एक अद्भुत छटा रच दी।