रांची। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में दरार खुलकर सामने आ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने महागठबंधन, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), पर सम्मानजनक सीटें न देने का आरोप लगाते हुए बिहार की 6 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जेएमएम के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने पहले से चिह्नित उन सीटों पर अपनी दावेदारी रखी थी, जहां उनके कार्यकर्ता वर्षों से भाजपा-जदयू गठबंधन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में जेएमएम ने सदैव गठबंधन धर्म का पालन किया — 2019 विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस को समर्थन दिया, यहां तक कि राजद के एकमात्र विधायक को पांच साल तक मंत्री बनाया गया, फिर भी बिहार में जेएमएम को उपेक्षित किया गया। भट्टाचार्य ने बताया कि पार्टी चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती (एससी) सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने कहा कि “हम हर समझौता कर सकते हैं, लेकिन आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एनडीए और महागठबंधन दोनों में अंदरूनी खींचतान और असहमति साफ झलक रही है। जेएमएम ने राजद, कांग्रेस आलाकमान और वाम दलों से कई बार बातचीत की, लेकिन उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी गई। जेएमएम ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में 20 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन करेंगे। अन्य प्रमुख नामों में प्रो. स्टीफन मरांडी, सरफराज अहमद, कल्पना मुर्मू सोरेन, बसंत सोरेन और सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल हैं। भट्टाचार्य ने अंत में कहा — “हमने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया है, लेकिन अब पार्टी अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ेगी। जल्द ही झारखंड में भी महागठबंधन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।”