नई दिल्ली। राज्य सभा में सोमवार को इंडिगो संकट को लेकर जमकर हंगामा हुआ। प्रशन काल के दौरान कई सांसदों ने इंडिगो संकट पर सवाल किए, जिसके जवाब में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने विस्तार से अपनी बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंडिगो संकट उसके कर्मचारियों के काम के लिए तय शिफ्ट और आंतरिक नियोजन तंत्र की खामियों के कारण हुआ। इसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है, इसके लिए सरकार ने तय किया है कि वह ऐसी कार्रवाई करेगा, जो नजीर बनेगी। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी के प्रश्न के जवाब में विपक्ष उखड़ गया और उन्होंने कहा कि वह मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं है। हंगामे के बाद प्रश्नकाल खत्म होने से करीब 20 मिनट पहले समूचे विपक्ष ने सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन किया। इसके बाद सभापति ने केंद्रीय मंत्री को अपनी पूरी बात सदन के समक्ष रखने को कहा। सदस्यों द्वारा पूछे गए सवाल और पूरक प्रश्नों के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ और जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिन्हें 24 घंटे के भीतर जवाब देना था। अब केंद्रीय मंत्री ने कहा की तीन दिन पहले दिए नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी को 15 दिन का समय दिया गया है। इंडिगो ने हालिया उड़ान संकट के दौरान अब तक 827 करोड़ रुपये के रिफंड प्रोसेस किए हैं। इसके अलावा 4500 यात्रियों को उनका सामान मिल गया है। सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार यात्रियों, पायलट, और केबिन क्रू की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। सभी एयरलाइन को यह बता दिया गया है। मंत्री ने कहा कि इंडिगो को अपने क्रू प्रबंधन के कार्य का विभाजन सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। उन्होंने सदन में बताया कि सरकार यात्रियों की परेशानी को काफी संजीदगी से ले रही है। उन्होंने कहा यदि किसी भी ओर से एयरलाइन में कोई कोताही होगी तो सरकार उन्हें बख्शेगी नहीं।