देहरादून ; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तराखंड राज्य स्थापना की पच्चीसवें वर्षगांठ पर आयोजित रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि नौ नवंबर का ये दिन एक लंबी तपस्या का फल है और आज का दिन हम सभी को गर्व का अहसास करा रहा है।श्री मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपना भाषण शुरू करते हुए कहा ” दीदी भुल्यों…दाणा सयाणों। आप सभी तैं म्यार नमस्कार” ,उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने जो सपना देखा था वो अटल जी की सरकार में 25 साल पहले पूरा हुआ था और आज उत्तराखंड का मन प्रफुल्लित है। “उन्होंने कहा ” उत्तराखंड आज अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। मेरा उत्तराखंड से बहुत गहरा लगाव है और जब मैं यहां आता था तो लोगों की लगन, ललक मुझे प्रेरित करती थी। उसने मुझे सही मायनों में उत्तराखंड की सामर्थ्य से परिचित कराया। ये दशक उत्तराखंड का केवल वाक्य नहीं था, मुझे आप सब पर पूरा भरोसा था। ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है। जब उत्तराखंड नया बना था तब चुनौतियां कम नहीं थी। संसाधन सीमित थे, बजट नहीं होता था। ज्यादातर जरूरत केंद्र की मदद से पूरी होती थी। आज तस्वीर बदल चुकी है।”श्री मोदी ने कहा ” आज उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर है, उसे देखकर हर उस व्यक्ति का खुश होना स्वाभाविक है, जिन्होंने राज्य के लिए संघर्ष किया था। मुझे इस बात कि खुशी है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देने में जुटी है। मैं रजत जयंती की बधाई देता हूं। उन आंदोलनकारियों को भी श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं, जिन्होंने राज्य के गठन की मांग को लेकर अपने प्राणों का बलिदान दिया।”प्रधानमंत्री ने कहा ” ‘जहां चाह वहां राह’। हमें पता होगा कि हमारा लक्ष्य क्या है तो निश्चित ही हम आगे बढ़ेंगे। उत्तराखंड ने इसे साबित कर दिखाया है। यहां आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मांग बढ़ी है। यहां हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, होम स्टे, एक कंप्लीट पैकेज बनने चाहिए। ताकि विश्व के नक्शे में उत्तराखंड का एक नया अध्याय बने।”श्री मोदी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, खेल से जुड़े प्रोजेक्ट यहां विकास की यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। उत्तराखंड सरकार अब सेब और कीवी के किसानों को डिजिटल अनुदान देना शुरू कर रही है। उत्तराखंड का हर गांव वैक्सीन के दायरे में आ गया है। प्रदेश की विकास की ये यात्रा अदभुत है। ये बदलाव सबको साथ लेकर चलने, हर उत्तराखंडी के संकल्प का नतीजा है।