पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री ने पत्रकारों से की बात

रांची : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री ने कहा है कि लोकसभा के चार चरणों के चुनाव बाद सत्तारूढ़ एनडीए में बौखलाहट और मायूसी का माहौल है और अगले तीन चरण का चुनाव खत्म हो जाने के बाद केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार बननी तय है। श्री शास्त्री मंगलवार को यहां कांग्रेस भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता रजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डाॅ. राजेश गुप्ता, आभा सिन्हा, कुमार राजा, महानगर अध्यक्ष संजय पांडे उपस्थित थे।

कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष अनिल शास्त्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में सत्तारूढ़ भाजपा-एनडीए डेढ़ सौ सीटों पर सिमट जाएगी और चुनाव परिणाम के बाद अत्याशित रूप से सामान विचारधारा वाले कई राजनीतिक दल और एनडीए में शामिल घटक दल बाहर निकल कर कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार बनाने में सहयोग करेंगे।

अनिल शास्त्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन, यूपीए की जगह राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन बनेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन में यूपीए में शामिल सभी घटक दलों के अलावा वाम मोर्चा, बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी और कुछ अन्य सामान्य विचाराधारा वाले राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम के बाद एनडीए में भगदड़ मच जाएगी और शिवसेना और जनता दल यूनाईटेड, लोक जनशक्ति पार्टी जैसी कई अन्य पार्टियां राहुल गांधी के नेतृत्व में बनने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सहयोग करेगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक दौर में अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भाजपा की सच्चाई यह है कि देश के कई राज्यों में उनका खाता तक नहीं खुलेगा, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश , तेलंगाना, पुंडुचेरी और कई अन्य राज्यों में भाजपा का कोई जनाधार नहीं है और इन राज्यों में भाजपा का खाता तक नहीं खुलने वाला है। वहीं गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा की सीटें घटेगी, जबकि सबसे अधिक नुकसान भाजपा को उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री ने बताया कि 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना लाहौर तक जा घुसी थी और भारतीय सेना की कार्रवाई से सभी भारतीयों का सीना गर्व से उंचा था, उस वक्त किसी कांग्रेस नेता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को यह सलाह दी कि लोकसभा चुनाव कार्यकाल समाप्त होने के डेढ़ वर्ष पहले ही करा लिया जाए, इससे कांग्रेस को चुनाव में काफी फायदा होगा और पार्टी 400 से अधिक लोकसभा की सीटें जीत जाएगी। लेकिन तब स्वर्गीय शास्त्री ने ऐसी सलाह लेने वाले पार्टी नेता को कड़ी फटकार लगायी थी और कहा था कि जवानों की शहादत पर वे राजनीति नहीं कर सकते। लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से सेना को लेकर राजनीति कर रहे है, यह सर्वविदित है।

ताशकंद समझौते के बाद पूर्व प्रधानमंत्री की मौत के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में अनिल शास्त्री ने बताया कि जब उनका पार्थिव शरीर देश पहुंचा, तो कई ऐसी बातें सामने आयी, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही की बात सामने आयी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में भी लाल बहादुर शास्त्री की मौत को लेकर सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी गयी,लेकिन अब भी कई चीजें रहस्य ही बनी हुई है। आने वाले समय में सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए।

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