वोट बैंक की राजनीति के कारण झारखंड सरकार कर रही SIR का विरोध: बाबूलाल मरांडी

रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या में हुई वृद्धि को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) का विरोध कर वोट बैंक की राजनीति कर रही है और बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या मुसलमानों को मतदाता सूची में शामिल कराकर डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र रच रही है। मरांडी ने प्रेसवार्ता में कहा कि 1951 की जनगणना में झारखंड में आदिवासी जनसंख्या 35.38% थी जो 2011 में घटकर 26.20% रह गई, जबकि मुस्लिम आबादी 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। इसी अवधि में सनातनी आबादी भी 87.79% से घटकर 81.17% पर आ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वृद्धि स्वाभाविक नहीं है बल्कि अवैध घुसपैठ और विपक्षी दलों की मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने मतदाता सूची के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2019 से 2024 के बीच देश में मतदाताओं की वृद्धि दर 10.1% रही, जबकि झारखंड में यह 16.7% दर्ज की गई। उदाहरण देते हुए मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 2019 में 9308 थी, जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गई यानी 78.4% की वृद्धि। इसी प्रकार जगन्नाथपुर विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं में 52% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि गैर-मुस्लिम वोटरों में केवल 13% की वृद्धि हुई। मरांडी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल अवैध प्रवासियों के लिए राशन कार्ड, वोटर कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं ताकि उन्हें मतदाता बनाकर सत्ता का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि चाकुलिया, घाटशिला और प्रतापपुर जैसे क्षेत्रों में जन्म प्रमाण पत्रों में भारी गड़बड़ी इसके प्रमाण हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते फर्जी और विदेशी मतदाताओं को सूची से नहीं हटाया गया तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा होगा। भाजपा चुनाव आयोग से मांग करेगी कि एक-एक मतदाता का सत्यापन कर केवल वास्तविक नागरिकों का नाम सूची में रखा जाए और फर्जी नाम हटाए जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *