रांची : झारखंड के बोकारो विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह मुश्किलों में फंसती दिख रही हैं. उन पर चार वोटर आईडी कार्ड, दो पैन कार्ड रखने और चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय शपथ पत्र में गलत जानकारी देने का आरोप लगा है. इस मामले काे लेकर बीजेपी कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर रही है झारखंड प्रदेश इकाई ने निर्वाचन आयोग के पास शिकायत कर विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की. बुधवार को बीजेपी के एक दल ने राज्यसभा सांसद आदित्य साहू की अगुवाई में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रविकुमार से मुलाकात की. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमिटी कुछ खास रूचि नहीं दिखा रही है बीजेपी के चौतरफे हमले से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह घिरती नजर आ रही है। सियासी लड़ाई में अकेली सफाई देती नजर आ रही है।
आयोग को सौंपे गए पत्र में बीजेपी ने चारों आईडी के नंबरों का ब्योरा भी दिया है. निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति के नाम पर अगर एक से अधिक वोटर आईडी है और वह इनके आधार पर अलग-अलग मतदान करता है तो यह गंभीर अपराध है. साथ ही उन पर आरोप है कि उनके पास दो पैन कार्ड भी हैं.
इसमें एक पैन कार्ड पर श्वेता सिंह के साथ उनके पिता दिनेश सिंह और दूसरे कार्ड पर उनके नाम के साथ उनके पति संग्राम सिंह का नाम अंकित है. श्वेता सिंह के नाम पर फिलहाल चार वोटर आईडी कार्ड हैं. इनमें तीन बोकारो के सेक्टर-36 के पते पर हैं, जिनमें पति का नाम संग्राम सिंह दर्ज है. चौथा कार्ड बिहार के झाझा से जारी हुआ है, जिसमें पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह लिखा है. न्होंने 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में जो नामांकन पत्र भरा था, उसमें उन्होंने दूसरे पैन का ब्योरा दिया है. दो पैन कार्ड रखना या बनवाना भी गंभीर आर्थिक अपराध है. आशंका है कि विधायक के आधार कार्ड में भी छेड़छाड़ हुई है. ऐसे में उनके खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ का पद) के तहत कार्रवाई का मामला बनता है.
पत्र में कहा गया है कि श्वेता ने वर्ष 2024 में चुनाव का नामांकन भरते वक्त बोकारो स्टील लिमिटेड की ओर से 10 से 12 वर्ष पूर्व आवंटित क्वार्टर में रह रही थीं. उन्हें नामांकन के लिए शपथ पत्र दाखिल करते समय क्वार्टर का ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ भी दाखिल करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने यह जानकारी छिपाई.