अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध नौलखा मंदिर बाबा बैद्यनाथधाम से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अपने वास्तुशिल्प की ख़ूबसूरती के लिए जाना जाने वाला यह मंदिर बेलूर के रामकृष्ण मंदिर की तरह दिखता है। इस मंदिर का निर्माण बालानंद ब्रह्मचारी के एक अनुयायी ने किया था और इसके निर्माण में लगभग नौ लाख की राशि खर्च हुई थी। इसी कारण इसे नौलखा मंदिर कहा जाता है। रानी चारुशिला ने बालानंद ब्रह्मचारी की प्रेरणा से इस मंदिर का निर्माण करावाया था। इस मंदिर के अंदर राधा-कृष्ण की मूर्तियां हैं।
अगर भारतीय वास्तुशिल्प व कला कौशल का अद्भुत नमूना देखना हो तो देवघर-सारवां सड़क मार्ग पर स्थित राधा कृष्ण का इस भव्य मंदिर का दर्शन करने जाएं।
