दुमका प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखण्ड में उग्रवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। यह संभव हुआ बेहतर पुलिस प्रशासन की वज़ह से, जिन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगाकर उग्रवादियों की कमर तोड़ दी। 2014 से पूर्व राज्य में उग्रवाद की क्या स्थिति थी यह सर्वविदित है। 2014 के बाद उग्रवादी घटना में कमी आई है। छिटपुट घटनाएं हुई हैं लेकिन उनपर भी विराम लगेगा। सरकार की उसपर नज़र है। विकास से लोहरदगा का पेशरार, लातेहार का सरजू और चाईबासा का गुदड़ी की फिजां बदल गयी है। जहां कभी उग्रवाद था आज वहां विकास नज़र आ रहा है। सरकार का मानना है विकास सभी समस्याओं का समाधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भटके हुए युवा आत्मसमर्पण करें। व्यवस्था में अगर आप बदलाव चाहते हैं तो बंदूक की नोंक पर व्यवस्था में बदलाव नहीं आ सकता। अगर लोकतंत्र को चुनौती देंगे, बंदूक की नोंक पर व्यवस्था बदलना चाहेंगे तो सरकार पाताल से भी ढूंढ कर मारेगी।