रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक जयराम महतो ने प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही मौत और उनके पार्थिव शरीर समय पर परिजनों तक नहीं पहुँचने की गंभीर समस्या उठाई। शोक प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने दिवंगत उद्योगपतियों, कलाकारों और जनप्रतिनिधियों — जिनमें धर्मेंद्र, सलाउद्दीन अंसारी, जयप्रकाश जायसवाल, काली प्रसाद पांडेय, बेंजामिन लकड़ा, रामचंद्र रुंगटा, गोपीचंद हिंदुजा, पंडित छन्नूलाल मिश्रा और गोवर्धन असरानी सहित कई प्रमुख व्यक्तियों का स्मरण करते हुये , महतो ने कहा कि उनके ही क्षेत्र के 25 वर्षीय प्रवासी मजदूर विजय कुमार महतो की मृत्यु को 40–45 दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनका पार्थिव शरीर अब तक परिवार तक नहीं पहुँच पाया। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने एंबेसी, केंद्रीय मंत्री, विभागीय मंत्री, संजय यादव, गिरिडीह के उपायुक्त सहित कई अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। उन्होंने विधानसभा को बताया कि पिछले 15 दिनों में सिर्फ उनके विधानसभा क्षेत्र से 15 से अधिक प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। हाल ही में राजस्थान और अन्य राज्यों से भी शव पहुँचे हैं, जिससे स्थिति और चिंताजनक होती जा रही है। जयराम महतो ने सरकार से मांग की कि प्रवासी मजदूरों के शवों को जल्द से जल्द उनके गांव पहुँचाने के लिए विशेष कमेटी बनाई जाए, मृत मजदूरों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए,और इस समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए।