नागरिकता कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध ठीक नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चर्चा और बहस लोकतंत्र का हिस्सा होता है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि हम सब देश के विकास और हर भारतीय को सशक्त बनाने के लिए साथ मिलकर काम करें। हम खुद को किसी स्वार्थी समूह के द्वारा बांटने नहीं दे सकते। संशोधित नागरिकता कानून स्वीकार्यता, सौहार्द, करुणा एवं भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की व्याख्या करता है।