RANCHI : झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा है कि प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं. घर संभालने से लेकर खेत-खलिहान से लेकर दफ्तर तक में योगदान दे रहीं हैं. समाज में पुरुषों से ज्यादा योगदान दे रहीं हैं. इसलिए हमारी सरकार ने सखी मंडल को सशक्त करने का फैसला लिया है . मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सखी मंडल की महिलाओं का राज्यस्तरीय एक्स्पोजर एवं क्षमता संवर्धन शिविर-सह-महिला महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा की हेमंत सोरेन की सरकार ने पिछले 4 वर्षों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए करीब 850 करोड़ रुपये खर्च किए.
झारखंड की महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार कई तरह के प्रयास कर रहे हैं. राज्य की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर उन्हें हुनरमंद बना रहे हैं. राज्य की घरेलू महिलाओं को उद्यमी बनाकर उनका आर्थिक विकास करने में जुटे हैं. रांची में सीएम चंपई सोरेन ने महिला महासम्मेलन को संबोधित करते हुए ये तमाम बातें कहीं.
महिला महासम्मेलन में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड एक धनी प्रदेश है इसके बावजूद भी आदिवासी महिलाओं की स्थिति जो होनी चाहिए वह अब तक नहीं बन पाई है. घर संभालने से लेकर खेत संभालने में महिलाओं का योगदान रहा है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं का योगदान समाज को संपूर्ण बनाने में ज्यादा रहा है. लेकिन किसी भी सरकार ने महिलाओं के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए कटिबद्ध है. आने वाले समय में महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए गठबंधन की सरकार और भी कई योजना धरातल पर लाने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड के लोगों के साथ भेदभाव किया गया. इसीलिए राज्य की सरकार ने अबुआ आवास योजना लाया. जिसके तहत तीन कमरे का मकान गरीबों को आवंटित किया जाएगा.
महिला महासम्मेलन में मौजूद मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि वर्तमान सरकार ने स्वयं सहायता समूह से जोड़कर 32 लाख महिलाओं को रोजगार दिया है. जो महिलाएं पहले सड़क किनारे दारू और हड़िया बेचती थीं आज वह महिलाएं बेहतर काम कर रही हैं. मंत्री ने कहा कि कोई खेती में नाम कमा रही हैं तो कोई पशु पालन कर समाज को सबल बनाने में अपनी भूमिका निभा रही हैं.