खनन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को धूल भरी जिंदगी से मुक्ति दिलाना है। लेकिन कोल कंपनियों द्वारा नियमों की अनदेखी की जाती है। धूल के कारण लोगों को बीमारी हो रही है। जहां खनन कार्य समाप्त हो चुके हैं, वैसे स्थानों में पॉलिसी के तहत पार्क, पब्लिक यूटिलिटी आदि विकसित करना है। उसे विकसित कर वहां स्थानीय लोगों को बसाया जाए। इसमें कोयला मंत्रालय भी सहायता करे। खनन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के क्रम में आम लोगों से बातचीत के दौरान यह बात मेरे संज्ञान में आई है। ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मुख्यमंत्री आवास में बैठक के दौरान कही।
रघुवर दास ने कहा कि कोल इंडिया एवं इसकी सब्सिडियरी कंपनी कोयला खनन क्षेत्र में परिवहन तथा संलग्न कार्यों में उस खनन क्षेत्र के विस्थापित लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कोयले का अकूत भंडार होने के बाद भी यहां के लोग गरीब हैं। राज्य सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। कोयला मंत्रालय झारखंड सरकार की इकाई जेएसएमडीसी को कोल ब्लॉक आवंटन करें, जिसके माध्यम से छोटे-छोटे उद्योगों को निर्बाध रूप से कोयले की सप्लाई की जा सके। ’कुटीर उद्योगों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। उनके जीवन स्तर में बदलाव आएगा।’ सरकार इन लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल विकास केंद्र खोलेगी। जहां लोग प्रशिक्षण पाकर रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र दौरा के क्रम में मुझे कई शिकायत मिली कि कोल कंपनियों ने लोगों से जमीन तो ली लेकिन उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं। कोल मंत्रालय उन कंपनियों को वादा पूरा करने का निदेश दे तथा खनन क्षेत्र में नागरिकों के कल्याण के लिए सुनियोजित कार्यक्रम चलाएं। इस कार्य में राज्य सरकार हरसंभव सहायता करेगी।
केन्द्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि बीसीसीएल क्षेत्र में जिनकी जमीन खनन के लिए ली गई है, उनके परिवार के एक सदस्य को योग्यता और अर्हता के आधार पर नौकरी दी जाएगी।
बैठक में स्पोर्ट्स एकेडमी को और विस्तारित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, कोयला मंत्री ने कोल इंडिया और इसकी सब्सिडियरी कम्पनी के माध्यम से सीएसआर के तहत राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप कार्य कराने पर अपनी सहमति दी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, खान विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सीसीएल के सीएमडी श्री गोपाल सिंह, कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।