• कोरोना के मद्देनजर झारखंड सरकार का अहम फैसला
• सचिवालय में मात्र 50% कर्मचारी से काम चलाएगी सरकार
• अवर सचिव से ऊपर के अधिकारियों को रोजाना कार्यालय आना अनिवार्य
• सरकार ने कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए उठाया कदम
एंकर- झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों ने एक बार फिर हेमंत सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। राज्य में कोरोना का ग्राफ लगातार बढते जा रहा है और ऐसी स्थिति में सरकार के कामकाज पर भी इसका असर पड़ रहा है। आम जनता के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की लगातार खबरे आ रहीं हैं। इसे देखते हुए सरकार ने सचिवालय में फिर से एक बार रोस्टर प्रक्रिया के काम कराने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने आदेश जारी करते हुए झारखंड मंत्रालय और सचिवालय में 50 प्रतिशत उपस्थिति का मापदंड तय किया है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकार का ये आदेश सरकारी कार्य का निष्पादन करते हुए, अपने लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से है. आदेश में कहा गया है कि अवर सचिव से नीचे के अधिकारी और कर्मचारियों पर ये आदेश लागू रहेगा. इस आदेश के अनुसार अवर सचिव से ऊपर के अधिकारियों को रोजाना कार्यालय आना होगा. नए नियम के अनुसार जो कार्यालय नहीं आ रहे हैं, वह वर्क फ्रॉम होम भी कर सकते है, वहीं बीमार और गर्भवती महिलाएं वर्क फ्रॉम होम रहेंगी। नए आदेश के अनुसार अब किसी भी तरह की विभागीय बैठक वीसी के जरिये ही संपन्न होगी. सरकार ने इन तमाम नियमों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है.