10 अगस्त को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के लाभुकों को मिलेगी पहली किश्त

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की सबसे अहम् प्राथमिकता गांव और किसान है। राज्य के 35 लाख किसानों के बीच खाते में केंद्र और राज्य के द्वारा 5000 करोड़ की राशि बंटेगी। राज्य सरकार इसमें 3000 करोड़ की राशि वितरित करेगी। आगामी 10 अगस्त को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ होगा। पहले चरण में लगभग 15 लाख किसानों को इसका लाभ देने का लक्ष्य है. किसानों को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध कराई जानी है. लाभुक किसानों के निर्धारित सॉफ्टवेयर में डेटा इंट्री कर अपलोडिंग हर हाल में सुनिश्चित जाये. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने आज सूचना भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उपायुक्त को ये निर्देश दिए. उन्होंने सभी उपायुक्तों से कहा कि वे किसानों और उसके कृषि योग्य जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स के पीएमएफएफ डेटा इंट्री के लंबित मामलों को निपटाएं, ताकि उन्हें मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ दिया जा सके. गौरतलब है कि इस योजना के तहत् प्रति एकड़ किसानों को पांच हजार रुपए दिए जाएंगे, जो अधिकतम 5 एकड़ के लिए  25000 होगा।

डॉ वर्णवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ हर हाल में किसानों को मिलना चाहिए. इस योजना के लाभुकों में किसानों का नाम दर्ज करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए जाएंगे. इस तरह के मामलों का निपटारा अविलंब करने के लिए आवश्यकतानुसार कैंप लगाकर अथवा शिफ्ट में कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए. उन्होंने कहा कि 3 अगस्त को वे इस मामले की फिर से समीक्षा करेंगे.

कृषि विभाग की सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्तों व अन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के विकास व उनकी आय को दोगुना करने का लक्ष्य हर हाल में हासिल करना है. यह तभी संभव है, जब हम किसानों को खेती के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएंगे.

इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के 35 लाख किसानों को आर्थिक सहायता दिया जाना है.पहले चरण में 15 लाख किसानों को इस योजना के लिए चयनित किया गया है. इन किसानों को इस महत्वकांक्षी योजना को लाभ पहुंचाना पुण्य का काम है. अतः इसे सर्वोपरि प्राथमिकता देते हुए किसानों तक इसका फायदा सुनिश्चित करने में अहम योगदान करें. उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के लिए किसानों के डेटा इंट्री के लॉग-इन में अगर किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो वे कृषि विभाग से संपर्क करें, ताकि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से तैयार की कई सॉफ्टवेयर में खामियों को दूर किया जा सके.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के निदेशक श्री छवि रंजन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड ई-गवर्नेंस विभाग के निदेशक श्री उमेश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे.

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