टेंडर के निष्पादन में पूरी पारदर्शिता बरतें। किसी भी संवेदक को ऐसा एहसास ना हो कि व्यवस्था में भेदभाव है। एक ऐसा सिस्टम बनाएं जिसके तहत पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से निष्पादित हो। सभी विभाग इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि धनबाद में रेलवे अंडर पास गया ब्रिज में लगने वाले जाम से जल्द से जल्द मुक्ति मिले। एक और अंडरपास बगल में बनाए जाने के लिए रेलवे से नो ऑब्जेक्शन प्राप्त हो चुका है। जल्द ही डीपीआर बनाकर इसकी कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चतरा में बाईपास सड़क सहित गुमला, गिरिडीह और लोहरदग्गा में भी बाई पास रोड बने। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड मंत्रालय में पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद 14 सालों में राज्य के पास अपना विधानसभा भवन नहीं बन सका। पिछले साढे 4 साल के कार्यकाल में इसका शिलान्यास भी हुआ। इसके निर्माण में जन सहयोग से बाधाएं भी दूर हुई। इसके विस्थापितों के लिए सबसे बेहतरीन आदर्श पुनर्वास के कार्यक्रम हुए और अब यह विधानसभा 15 सितंबर तक पूरी तरह बनकर लोकार्पण के लिए तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण विभाग गुणवत्ता और पारदर्शिता से सभी काम पूरे करे।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि पथ और पुल की 41 योजनाएं अगले 3 महीनों में पूरी हो जाएंगी और ये जनता को समर्पित होंगे। पूरे राज्य में 400 किलोमीटर पथ और 15 पुल का निर्माण पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क एक महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना है झारखंड में पथ और पुल के गुणवत्तापूर्ण निर्माण को प्राथमिकता मिली है।
बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य गठन के समय प्रति 1000 किमी 67.74 था जो राज्य बनने के बाद 14 सालों में प्रति 1000 की वर्ग किलोमीटर केवल 38.93 किलोमीटर पथ घनत्व बढ़ा और 106.67 हो गया। यह पिछले साढ़े चार साल में प्रति 1000 की वर्ग किलोमीटर 51.14 किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई और बढ़ कर 157.81 किमी हो गया। बैठक में विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल पथ निर्माण विभाग के सचिव श्री के के सोन, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री सुनील कुमार, पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख श्री रास बिहारी सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।