स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्त व उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि वैसे सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद किया जायेगा जिनमें शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। वहां पढ़ रहे छात्र-छात्रों को पास के विद्यालयों में नामांकन होगा।
बता दें कि प्रदेश में 35 हजार प्रारंभिक स्कूलों में अभी भी 381 स्कूलों में लड़कों के लिए और 190 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं, 352 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है। निजी स्कूलों में भी शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था की जांच की जायेगी। जांच के क्रम में नहीं पाये जाने पर निजी विद्यालयों को भी बंद किया जाऐगा।
हलांकि, ऐसे विद्यालयों को 15 सितंबर तक व्यवस्था करने का समय दिया जायेगा। 15 सितंबर के बाद भी शौचालय व पेयजल की सुविधाएं नहीं की गई तब उस पर कार्रवाई करते हुए तत्काल बंद कर दिया जाएगा।