झारखंड में पशु-पक्षियों के टीका उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा- सीएम

• मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निर्माणाधीन जीएमपी/ जीएलपी स्तर के टीका औषधि उत्पादन प्रयोगशाला, कांके का निरीक्षण किया। • मुख्यमंत्री ने प्रयोगशाला के भवन में कुछ बदलाव करने के दिए निर्देश, लिफ्ट और रैंप की व्यवस्था हो

रांची- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निर्माणाधीन जीएमपी/ जीएलपी स्तर के टीका औषधि उत्पादन प्रयोगशाला, कांके का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रयोगशाला के प्रोडक्शन यूनिट तथा क्वालिटी कंट्रोल यूनिट के बन रहे भवन का बारीकी से मुआयना कर संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पशुपालन विभाग की यह एक अति महत्वपूर्ण योजना है । यहां जानवरों और पक्षियों के लिए टीका का निर्माण होगा। इसे शीघ्र चालू करने के लिए सरकार प्रयासरत है । इस सिलसिले में वरीय अधिकारियों के बहुत जल्द बैठक कर पूरी योजना की समीक्षा की जाएगी ,ताकि यहां से टीका उत्पादन का कार्य प्रारंभ हो सके।

ससमय चालू करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि औषधि उत्पादन प्रयोगशाला 2014 की योजना है। इसके चालू होने में विलंब हो चुका है । ऐसे में आज के हिसाब से इसमें बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है । इसे लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी , ताकि अब निर्धारित समय के अंदर इसे चालू किया जा सके। इसमें जो भी अड़चन होगी, उसे अविलंब दूर किया जाएगा।

ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने टीका उत्पादन प्रयोगशाला के बन रहे भवन में कुछ बदलाव के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि यहां लिफ्ट और रैंप की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि सामानों के परिवहन का कार्य सुगमता पूर्वक हो सके । उन्होंने कहा कि इसे ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाने की जरूरत है। मालूम हो कि लगभग 28 करोड 69 लाख 90 हजार रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है।

हर साल एक करोड़ टीका का उत्पादन होगा

पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रयोगशाला के भवन निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब उपकरणों को लगाने के लिए तैयारियां की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला में हर साल लगभग एक करोड़ टीका का उत्पादन होगा। यहां पशु पक्षियों के के लिए 6 तरह के टीका बनाए जाएंगे । इसमें गलघोटू (एच एस), बीक्यू,
एंथ्रेक्स, स्वाइन फीवर और पोल्ट्री वैक्सीन (रानीखेत) शामिल है।

जैव विविधता उद्यान का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैव विविधता उद्यान का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने यहां ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू करने पर जोर दिया और कहा कि यहां से उत्पादित फसलों और वेजिटेबल्स के देश- विदेश में सप्लाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ यहां रिटेल आउटलेट भी खोलने की योजना बनाई जाए, ताकि स्थानीय लोग इसका लाभ ले सके।

निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ओंकार सिंह, और पशु स्वास्थ्य उत्पादन संस्थान के डायरेक्टर डॉ विपिन महथा समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे ।

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