गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र बहाल रहे, यह भाजपा सरकार की ”सर्वोच्च प्राथमिकता है। लोकसभा में उन्होंने दो प्रस्ताव लेकर आए पहला जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि हम आतंकवाद को वहां जड़ से उखाड़ने को लेकर कटिबद्ध हैं। दूसरा जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 5 और 9 के तहत जो आरक्षण का प्रावधान है उसमें भी संशोधन करने की आवश्यकता है। जवाब में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने दोनों प्रस्तावों को एक साथ पेश करने का विरोध किया। आरक्षण पर तिवारी ने कहा कि उन्हें विधेयक की भावना पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह जम्मू कश्मीर विधानसभा के अधिकार क्षेत्र का विषय है। शाह ने कहा कि संसद का समय बचाने के लिए दोनों प्रस्ताव एक साथ पेश किये गए, वैसे अलग-अलग पेश करने में भी कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार ने पिछले एक साल से जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ों से उखाड़ फेंकने के लिए कई कार्य किये हैं। जम्मू कश्मीर की जनता भी महसूस कर रही है कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है।