युवा अधिवक्ता हर्ष ने ठुकराया चीनी कम्पनी के लाखों का केस

रांची- भारत चीन विवाद के बाद देश भर में चीनी सामानों के बहिष्कार की पहल शुरू हो चुकी है। आम जनता कम से कम चीनी समानो की खरीदारी या उपयोग कर रही है। ऐसे में राजधानी रांची के एक युवा की पहल को हर कोई सराहना कर रहा है।
झारखंड हाई कोर्ट में बतौर अधिवक्ता काम कर रहे कुमार हर्ष पिछले कई वर्षों से चीन की माइनिंग कंपनी M/S INDU – ZMJ-ZHENGZHOU DESIGN XINFENG CONSORTIUM के साथ काम कर रहे थे। कुमार हर्ष का काम है कि भारत मे चीन की कंपनी के तरफ से दायर केस को लड़ना। लेकिन जब भारत और चीन के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हुई और चीन ने भारत पर हमला कर भारतीय जवानों को शहीद किया तो कुमार हर्ष ने देशभक्ति और देशहित के नाते चीन की कंपनी के साथ हुए अपने करार को तोड़ दिया है। जबकि चीनी कंपनी से हर वर्ष कुमार हर्ष को लाखों रुपये का फायदा होता था।
कुमार हर्ष से हुई एक वार्ता में उन्होंने कहा कि जब बात भारत के स्वाभिमान और सम्मान की होती है तो पैसे मायने नही रखती है। हम सभी भारतवासी अपने जमीन पर किसी भी बाहरी को दखल नही करने देंगे। फिर चाहे उसका कोई भी नुकसान हमे उठाना पड़े। उन्होंने बताया कि उन्होंने चीनी कंपनी के कई केस अलग अलग कोर्ट में लड़े है। उन केस से उन्हें फायदा भी हुआ लेकिन जब देश पर बात आई तो फायदा और नुकसान से किसी को कोई मतलब नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान से भी जुड़ने का यह मौका है। इस कारण चीनी कंपनी से अपना नाता तोड़ कर भारत के ही किसी कंपनी के साथ मिल कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने का काम करूंगा।
बात दें कि भारत सरकार के एजी रह चुके मुकुल रोहतगी और कांग्रेस से राज्य सभा सांसद रह चुके अभिषेक मनु सिंघवी ने भी चीनी कंपनी का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ने से मना कर दिया है।
बहरहाल कहा जा सकता है कि भारत, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ चुका है, और जिस देश में कुमार हर्ष जैसे युवा हों वो देश कभी किसी दूसरे के सामने नही झुक सकता।

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