वाल्मीकि टाइगर रिजर्व इलाके में एक बाघ की संदिग्ध मौत

वीटीआर मे दो बाघों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की मौत

बेतिया- कहां जाता है दो तलवार एक म्यान में नहीं रह सकता। इसी कहावत को चरितार्थ करता हुआ एक मामला प्रकाश में आया है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र के मानपुर गाँव से दो किलोमीटर दूर मानसरोवर झील के पास रामनगर के मिक्की चौरसिया के गन्ने की खेत में दो बाघों के आपसी लड़ाई में बुधवार को सुबह एक बाघ की मौत हो गई। खेत घूमने गए मानपुर गाँव के किशन ने बुधवार के सुबह वन विभाग और मानपुर थाना अध्यक्ष को इस घटना की सूचना दिया। क्षेत्र के लोगों मे डर का माहौल न पैदा हो इसलिए पुरे इलाके को एसएसबी और पुलिस के जवानों ने छावनी में तब्दील कर दिया है और आम लोगों को घटनास्थल पर जाने नहीं दिया गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए वन कर्मियों ने अपने वरीय अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पाते ही वीटीआर के निदेशक हेमंत कुमार राय, डीओफो अमरीश मल, मंगुराहा वन क्षेत्र के रेन्जर सुनील पाठक, मानपुर थाना अध्यक्ष विकास तिवारी घटनास्थल पर पहुँच कर छानबीन किया और मेडिकल टीम ने मृत बाघ का चेकअप कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वीटीआर के निदेशक हेमंत कुमार ने बताया कि दो बाघों की आपसी लड़ाई हुई है, जिसमें मृत बाघ को कुछ अंदरुनी चोटें आई है और इसका दाहिना अगला पैर में कटा हुआ है। दूसरे बाघ की जहर इसके शरीर में फैलने से इसकी मौत हो गई है। दूसरे बाघ का वनकर्मियों द्वारा ट्रैकिंग किया जा रहा है साथ हीं सीसीटीवी कैमरा भी घटना स्थाल पर लगाया जा रहा है। लोगों को घटनास्थल इलाके की ओर जाने के लिए पाबंदी लगा दी गई है, क्योंकि दूसरा बाघ भी घायल होगा, वह स्थानीय लोगों को नुक़सान पहुँचा सकता है।

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