रांची: झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सभागार में रविवार को झारखंड शराब व्यापारी संघ की ओर से संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें व्यापारी संघ से जुड़े नेताओं ने हेमंत सरकार की नई शराब नीति और तीन साल बाद फिर से खुदरा शराब व्यापार को निजी हाथों में सौंपने के निर्णय का स्वागत किया और इसके लिए मुख्यमंत्री और उत्पाद मंत्री को धन्यवाद दिया. इस मौके पर झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में शराब से सरकार को करीब 2700 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई थी, लेकिन इस बार सरकार ने 4000 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है जो बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व प्राप्ति 2700 करोड़ में 10% प्लस कर नया टारगेट फिक्स करना चाहिए था. इस लिहाज से 3000 करोड़ का लक्ष्य होना चाहिए था, लेकिन लक्ष्य 4000 करोड़ का किया गया है. यह 1000 करोड़ अधिक लक्ष्य रखा गया है. इससे खुदरा शराब व्यापारियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने उम्मीद जताई कि करीब तीन साल बाद फिर से एक बार निजी दुकानदारों द्वारा शराब बिक्री से न केवल शराब व्यापारियों के लिए हितकर होगा, बल्कि इससे राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. संघ ने मांग की कि हम दूसरे राज्यों से शराब मंगवाते हैं उसकी जगह झारखंड में ही शराब और बियर निर्माण की फैक्टरी खोली जाए, ताकि रोजगार के नए अवसर राज्य के युवाओं को मिल सके. संघ के नेताओं ने बताया कि शराब दुकानों के आवंटन के लिए वर्तमान में 4 दुकानों का समूह बनाया है. जिसमें एक सर्वोत्तम दुकान, दूसरा उत्तम दुकान, तीसरा सामान्य दुकान और चौथा औसत दुकानों का समूह बनेगा. यह स्वागत योग्य है और विभाग ने एक फार्मूला तय किया है उसी के आधार पर एमआरपी भी तय होगी. झारखंड शराब व्यापार संघ से जुड़े लोगों ने बताया कि शराब व्यवसायियों को जहां फायदा होगा, वहीं लॉटरी के माध्यम से सरकार को भी लाभ मिलेगा. एक लॉटरी का फार्म निगम क्षेत्र में 25000/ Non Refundable + MGR का 2% साथ में ऑनलाइन पैसा डालना होगा. इससे सरकार को करीब 05 करोड़ नॉन रिफंडेबल पैसे आएंगे. लॉटरी निकल जाने पर दुकान बंदोबस्ती से सरकार को MGR का 12.5% एडवांस में करीब 600 करोड़ से भी ज्यादा रेवन्यू आएगा, जो वर्ष के अंत में फरवरी या मार्च में समायोजित किया जाता है. सरकार को 100% अग्रिम राजस्व शराब व्यापारियों से प्राप्त होता है .